Saturday 31 December 2011

आधी हकीकत आधा फसाना 6


 

रविवार, ११ दिसम्बर २०११

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 806/2011/246



हम प्यार करेंगे... : मदनमोहन



ल्ड इज़ गोल्ड पर जारी श्रृंखला आधी हक़ीक़त आधा फसाना के दूसरे सप्ताह में, मैं कृष्णमोहन मिश्र, अपने प्रिय पाठकों-श्रोताओं का हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के माध्यम से हम स्वप्नदर्शी फ़िल्मकार राज कपूर और उनके प्रारम्भिक दौर के संगीतकारों की चर्चा कर रहे हैं। आज के अंक में हम उस फिल्म का उल्लेख करेंगे, जिसमें राज कपूर के साथ प्रथम और अन्तिम बार मदनमोहन ने संगीत दिया तथा हेमन्त कुमार द्वारा राज कपूर के लिए गाया एकमात्र गीत शामिल था। वर्ष १९५३ में प्रदर्शित यह फिल्म है धुन’, जिसमें राज कपूर की सर्वप्रिय नायिका नरगिस थीं।
नरगिस के साथ राज कपूर ने कुल १६ फिल्मों में अभिनय किया था, जिनमें ६ फिल्में आर.के. की थीं। राज कपूर के मित्र और लेखक जयप्रकाश चौकसे ने एक स्थान पर लिखा था- नरगिस, राज कपूर की फिल्मों की आत्मा थीं। महिलाओं के प्रति राज कपूर का जो दृष्टिकोण सामान्य जीवन में रहा, वही दृष्टिकोण उनकी फिल्मों में दिखाई पड़ता है। राज-नरगिस सम्बन्धों के बारे में जाने-माने पत्रकार प्रभाष जोशी ने अपने एक आलेख में लिखा था- राज कपूर ने पत्नी की हक़ीक़त को प्रेमिका के अफसाने से जोड़ दिया था। दरअसल राज कपूर ने अपनी कमजोरी और विशेषता को कभी छिपाया नहीं, बल्कि सहज रूप से जग-जाहिर किया। यही कारण था कि फिल्म आवारा और श्री४२० के प्रीमियर पर राज, नरगिस और कृष्णा कपूर जब साथ-साथ गए तब इस त्रिवेणी को लोगो ने सहज रूप से स्वीकार किया।
आइए अब राज कपूर और नरगिस अभिनीत फिल्म धुन के संगीतकार मदनमोहन की चर्चा हो जाए। १९५० में प्रदर्शित फिल्म आँखें से फिल्म संगीत जगत में अपना हस्ताक्षर अंकित करने वाले मदनमोहन को आज भी फिल्मी ग़ज़लों का शाहंशाह माना जाता है। उन्हें ग़ज़लों के प्रति लगाव तब उत्पन्न हुआ, जब उन्होने सेना की नौकरी छोड़ कर आकाशवाणी, लखनऊ के संगीत विभाग में नौकरी की। यहीं पर उनकी भेंट बेग़म अख्तर के साथ फ़ैयाज़ खाँ, रोशन आरा बेग़म, रोशन, तलत महमूद और जयदेव से हुई। बेग़म अख्तर की गायकी से मदनमोहन अत्यन्त प्रभावित हुए थे। रेडियो की नौकरी के बाद ही वह फिल्मों की ओर उन्मुख हुए। १९५३ में उन्हें फिल्म धुन का संगीत रचने का अवसर मिला। इस फिल्म के संगीत में उन्होने तत्कालीन प्रचलित शैली से अलग हट कर एक नया प्रयोग किया। पियानो की निरन्तरता के साथ रागों के स्वरों में गूँथी तर्ज़ों को खूब सराहा गया। फिल्म के गीतों में लता मंगेशकर का गाया- तारे गिन-गिन बीती रात..., सितारों से पुछो... आदि अत्यन्त मधुर थे, किन्तु गुणबत्ता की दृष्टि से राग भैरवी के स्वरों पर आधारित गीत- निंदिया न आए... फिल्म का सर्वश्रेष्ठ गीत सिद्ध हुआ। श्रेष्ठता के बावजूद फिल्म का एक हल्का-फुल्का युगल गीत- हम प्यार करेंगे, हम प्यार करेंगे.... अपने समय में बेहद लोकप्रिय हुआ था। यह गीत राज कपूर और नरगिस पर फिल्माया गया था। इस युगल गीत में लता मंगेशकर ने नरगिस के लिए और गायक-संगीतकार हेमन्त कुमार ने राज कपूर के लिए अपनी आवाज़ दी है। यह एकमात्र गीत है, जिसमें हेमन्त कुमार ने राज कपूर के लिए स्वर दिया और धुन राज कपूर द्वारा अभिनीत एकमात्र वह फिल्म है जिसका संगीत मदनमोहन ने दिया। इस फिल्म के बाद फिल्म संगीत के इन दोनों दिग्गजों ने राज कपूर के साथ कभी कार्य नहीं किया। आइए अब हम सुनते है, फिल्म धुन का वही गीत, जिसे राज कपूर और नरगिस के लिए हेमन्त कुमार और लता मंगेशकर ने पार्श्वगायन किया है। गीतकार हैं, भरत व्यास और संगीतकार हैं, मदनमोहन।                  

गीत -हम प्यार करेंगे... : फिल्म – धुन : संगीत – मदनमोहन

क्या आप जानते हैं... कि फिल्म धुन के इस गीत का फिल्मांकन एक भव्य सेट पर किया गया था। इसे देख कर राज कपूर की फिल्म बरसात के सेट की याद ताजा हो जाती है।  

कृष्णमोहन मिश्र
+ + + + + + + + + 

2 टिप्पणियाँ


ब्लॉगर indu puri ने कहा…
प्रेम धवन जी ने 'इस' फिल्म के गाने लिखे थे . ऑ कि मैं झूठ बोलिया.....कोई न जी कोई ना. पाबला भैया से पूछ लो सच्ची, उन्हें सब मालूम है. मुझे भी जागते रहने को कहते हैं -जागते रहो और गाना सुनो यह. सुनती हूँ.क्या करू? ऐसिच हूँ मैं तो -आज्ञाकारी हा हा...
११ दिसम्बर २०११ ९:३४ अपराह्न
हटाएं
ब्लॉगर AVADH ने कहा…
अरे भाई, मैं भी तो अभी जाग रहा हूँ,  इंदु बहिन अकेली थोड़े ही ना हैं. 'बलबीर' जी के सुर में मैं भी सुर मिलाता हूँ. 'ऐंवे दुनिया देवे दुहाई...'. अवध लाल
११ दिसम्बर २०११ ११:२४ अपराह्न

No comments:

Post a Comment